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वाकिंग मेडिटेशन

एक अन्य प्रकार का ध्यान जिसे आप आसानी से अपने दैनिक जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं, वह है वॉकिंग मेडिटेशन (टहलते हुए ध्यान करना)। यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है, और इस कोशिश के काबिल है जो आपको एक बिल्कुल नई जानकारी से अवगत करा  सकती है, चाहे आप कहीं भी हों, कैसे भी हों। टहलते हुए ध्यान करने से होनेवाली कुछ संभावनाओं को समझने के लिए इस योजना पर अमल करना पड़ेगा। तभी समझ में आयेगा, कि टहलते हुए ध्यान करना किस तरह से फायदा पहुंचाता है। जैसे-जैसे आप टहलते हैं अपने शरीर की गतिविधियों पर ध्यान देने से शुरुआत करें। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सिर्फ टहलना ही नहीं है, बल्कि यह भी समझते रहना है कि यह आपके शरीर के प्रत्येक अंग को कैसे प्रभावित करता है। आपको अपने पैर के तलवे को जमीन से पूरी तरह से सटाना चाहिए। आपको अपने पैरों की मांसपेशियों को महसूस करना चाहिए और आपके द्वारा उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम को भी महसूस करते हुए टहलना चाहिए। अपना ध्यान अपने प्रत्येक पैर पर केंद्रित करें। शुरुआत सिर्फ एक पैर से करें। जैसा कि यह जमीन से टकराता है, इसका ध्यान रखें। महसूस करें कि अगला पैर ऊपर आए और ...

सरल ध्यान

सरल ध्यान एक ऐसा स्थान चुनिए जहां शांति हो, और जहां आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। जहां बैठकर आप दस से बीस मिनट तक अविचलित ध्यान कर सकें। सभी टेलीफोन, मोबाइल आदि और अन्य सबकुछ बंद कर दीजिए, जो चीजें आपको विचलित कर सकती हैं। अब, आराम से और चुपचाप बैठिए। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधे रखिए। याद रखें कि, यह आसन कुछ ऐसा है जिसे आपको करने की आवश्यकता है। अभी आप जो कर रहे हैं, उसके लिए प्रतिबद्ध होने की जरूरत है, इसका मतलब है कि अब एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आप तैयार हैं, और इस दौरान व्याकुलता को दखल देने की अनुमति नहीं होगी। अपने आस-पास की दुनिया में होने वाली किसी भी हलचल से बाधित नहीं होने के लिए प्रतिबद्ध हों। सबसे महत्वपूर्ण बात, इस जगह से ऐसा सबकुछ हटा दें जो एक संभावित विकर्षण का कारण बन सकते हों। ध्यान करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध और सँकल्पित हों। एक शब्द का चयन करें जो आपके स्वाभाविक विश्वास के अनुकूल हो। उदाहरण के लिए, "प्रेम" "शांति",  "ऊँ" या "राम" अथवा अन्य जो भी आपके लिए आसान लगे। सही शब्द का चयन करने के बाद अपनी आँखें बंद करे...

ध्यान के फायदे

ध्यान आपको एकाग्रता केंद्रित करने की अनुमति देता है, जिससे आप अपने कार्यों को बेहतर तरीके से और तेजी से पूरा कर सकते हैं। ध्यान आपको अपने तनाव के स्तर को सुधारने मे सहायता करता है। तनाव को कम करके, आपको बेहतर निर्णय लेने और समस्याओं का पूरी तरह से समाधान प्राप्त करने की योग्यता प्रदान करता है। ध्यान आपको और अधिक प्रभावी ढंग से लोगों के साथ संवाद स्थापित करने मे मददगार होता है। अधिक परिभाषित शब्दों के माध्यम से ध्यान अंततः आपको एक बेहतर दायरे में नियुक्त करता है। ध्यान आपको अपने स्वास्थ्य सुधार मे मदद करता है, जिसमें हृदय की स्थिति, कैंसर के जोखिम, उच्च रक्तचाप और अन्य स्थितियों में सुधार करने में मदद करता है। शरीर पर तनाव के स्तर को कम करके, आप इनमें से किसी भी अनुभव से तेजी से और अधिक प्रभावी रूप से चंगा हो सकते हैं। ध्यान आपको एक बेहतर दोस्त और परिवार का सम्मानित सदस्य होने मे मदद करता है। अपने आस-पास के लोगों के समर्पण के माध्यम से, आप सभी प्रबुद्ध हो सकते हैं और इस तरह खुद के लिए एक उच्च स्तर के अस्तित्व की प्राप्ति कर सकते हैं। ध्यान मन के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। अपने मन क...

एकाग्रता

जब आप एकाग्रता में प्रवेश करते हैं, तो यह, वह पहली अवस्था है जो आपको ध्यान की ओर ले जाएगी।  फिर भी, ध्यान के साथ एकाग्रता का मिश्रण न करें। यह थोड़ा कुछ अलग है।  ध्यान के अगले चरण के दौरान, आप अपने मन पर नियंत्रण प्राप्त करना शुरू कर सकते हैं।  जब आप इस प्रकार के माइंड फ्रेम में खुद को रखना सीखते हैं, तो संभावना अच्छी होती है कि आप अपने जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार कर सकेंगे। एकाग्रता में, आपका लक्ष्य सरल लगता है लेकिन वास्तव में किसी भी डिग्री में मास्टरी करने मे थोड़ा समय तो लगता ही है।  यहाँ आपको किसी एक चीज या वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। सफल होने के लिए, आपको अपने दिमाग को उस एक चीज़ पर केंद्रित रखने की ज़रूरत होती है और किसी भी तरह की रुकावट से विचलित होने से बचने की भी जरुरत होती है। उस पर ध्यान केंद्रित करें, अपने मन को विचलित न होने दें।  यह थोड़ा मुश्किल जरूर है, पर नामुमकिन नहीं।  एकाग्रता के दौरान, हालांकि एक तत्व पर, ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन सवाल आपके दिमाग को वापस सामान्य स्थिति में लाने की आपकी ...

अनियंत्रित मन

अनियंत्रित मन के साथ  आप जिस तरह से व्यवहार करते हैं और सोचते हैं, उस समय स्थितियों पर आपका नियंत्रण स्वभावत: कम हो जाता है।  न केवल आपके विचार एक चीज़ से अगली चीज़ पर जल्दी से जाते हैं, बल्कि आपका भौतिक शरीर भी यही काम कर रहा होता है।  आपकी भावनाएं भी इन्हीं गतिविधियों का  अनुसरण कर रही होती हैं। इस तरह की मस्तिष्कीय गतिविधि का एक उदाहरण एक बच्चे को खेलते हुए देखना, समझने में सरल हो सकता है।  यदि आप वाहन चलाते समय एक खेलते हुए बच्चे को देखते हैं, तो आपका दिमाग वाहन के नियंत्रण से बच्चे के पास चला जाता है।  वह प्यारा है, खेल रहा है और अपनी बाइक की सवारी कर रहा है।  फिर, एकाएक आपका मन अपने खुद के बचपन के विचारों की ओर बढ़ता है, आप अच्छा महसूस करने लगते हैं और सुखद यादों पर मुस्कुराते हैं। बेशक, यह हमेशा इतनी मासूमियत से नहीं खेलता।  आप नकारात्मक छवियों के साथ ऐसे तमाम तरह के समान विचारों और भावनात्मक प्रक्रियाओं से भी गुजर सकते हैं।   विचार करें कि क्या वह बच्चा एक किशोर था? कुछ ऐसा कर रहा था, जो उसे नहीं करना चाहिए?  अब, आप अपने खुद...

मनोस्थिति

हर तरह की मनोस्थिति को नियन्त्रित करने के लिए अक्सर ध्यान का अभ्यास किया जाता है। इसके बारे मे हमें गहराई से समझने की आवश्यकता है यह क्या है और आपको विश्राम की इस पद्धति का उपयोग करने के कितने अनगिनत फायदे हो सकते हैं, आप सोच भी नहीं सकते। मस्तिष्क वह प्राथमिक उपकरण है जिसका उपयोग आप इस प्रक्रिया को परिभाषित करने के लिए करेंगे। लेकिन, आप महसूस नहीं कर सकते हैं कि जब मस्तिष्क "सामान्य" स्थिति में होता है, तो यह वास्तव में बहुत ही असामान्य होता है और तब शायद आप समझ नहीं पाते कि यह क्या कर रहा है। ध्यान को समझने में आपकी मदद करने के लिए, हमें पहले उन विभिन्न चरणों को समझने  की आवश्यकता है, जिनमें मस्तिष्क कार्य करता है ताकि आप मन की स्थिति देख सकें कि आपका मन  सबसे अधिक बार किन गतिविधियों मे ज्यादातर सँलग्न रह रहा है। मस्तिष्क में कई अद्वितीय चरण हैं जो दर्शाते हैं कि यह किसी एक समय में कैसे कार्य कर रहा है।   जब आप ध्यान पर विचार करते हैं, तो आपको इन तमाम चरणों से  होकर गुजरना पड़ता है।  और इस तरह क्रमिक तौर पर आप उस शांति की तरफ बढ सकते हैं, जो आप ध्यान ...

ध्यानाभ्यास

चूंकि आजकल हम सभी लोग किसी भी तरह के नये शुरुआत के लिए उसके बैग्यानिक प्रामाणिकता का आधार अवस्य जाँचते हैं।  इसीलिए आज इस पोस्ट के द्वारा सम्पूर्ण रूप से बैग्यानिक तौर पर मान्यता प्राप्त "ध्यान की बात" साझा की जा रही है। दरअसल बैग्यानिक अध्ययनों में पाया गया है कि आज कल के अस्त-व्यस्त जीवन शैली मे रहते हुए, ज्यादातर लोग जहाँ हर दिन तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदयाघात, कोरोना सँकृमण आदि रोगों के शिकार हो रहे हैं!  ऐसे में हम सबको यह विचार करना होगा कि आज की तनावपूर्ण जीवन शैली के कारण उत्पन्न इन तमाम घातक बीमारियोँ से कैसे बचा जाए? तो जवाब एक ही मिलता है कि, आपको अपने शरीर और मन को पर्याप्त आराम देना होगा।  इसीलिए आपको मानसिक विश्राम करना सीखना होगा। और अपने शरीर की देखभाल भी और बेहतर ढँग से करना होगा।  आपको यह भी विचार करने की आवश्यकता है, कि, आपके शरीर को समय-समय पर आराम की आवश्यकता होती है।  आपके शरीर और मन बहुत लंबे समय तक लगातार अनेकों प्रकार के काम नहीं संभाल सकते हैं।  यदि आपके पास पर्याप्त काम है और आपका शरीर कह रहा है कि वह थका हुआ है, तो यह संभवत:...

आत्म सुधार

एक दिन एक व्यक्ति एक पहाड़ पर चढ़ गया जहाँ एक साधु महिला ध्यान कर रही थी। उसने प्रणाम करते हुए साध्वी से पूछा कि, ऐसे एकांत स्थान में आप यहाँ अकेले क्या कर रही हैं? जिस पर साध्वी ने उत्तर दिया कि मेरे पास यहां बहुत सारे काम हैँ। आपके पास बहुत सारे काम हैँ? मैं तो आपके आसपास कुछ भी नहीं देख पा रहा हूँ? साध्वी ने बताया कि, मैं यहां अपने दो बाजों को प्रशिक्षित कर रही हूँ, दो खरगोशों को आश्वस्त कर रही हूँ, एक सांप को अनुशासित कर रही हूँ, एक गधे को प्रेरित कर रही हूँ और एक शेर को वश में करने मे लगी हुई हूँ। लेकिन वे कहां हैं कि मैं उन्हें नहीं देख पा रहा हूं? ब्यक्ति ने पूछा। साध्वी ने बताना शुरू किया, वो सब कुछ मेरे ही पास हैँ! मेरे बाज़ हर चीज़ पर घूरते हैं! जो कुछ भी मेरे सामने पेश किया जाता है, अच्छा या बुरा, मुझे उन पर काम करना है केवल अच्छी चीजें देखने के लिए। वे दोनों बाज मेरी आंखें हैं। दो चील हमेशा कहीं न कहीं चोट करने मे लगी रहती हैं, मुझे उन्हें चोट न पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित करना होगा। वे दोनों मेरे ही हाथ हैं। खरगोश जहां चाहते हैं, वहां जाना चाहते हैं, साथ ही वे कठिन परिस्थित...

मन की शांति

आज के युग में हर किसी के पास हर समय एक खुशी वाला एहसास नहीं होता है। और लोग खुशी पाने के लिए चीजों को अपनी उम्मीदों के अनुरूप बनाने मे संघर्षरत रहते हैं। आजकल लोग रिश्ते की चुनौतियां, धन की समस्याएं, स्वास्थ्य के मुद्दे, भावनात्मक उथल-पुथल आदि के साथ-साथ स्वयं से या दूसरों से नाराज़गी को लेकर सदा परेशान रहते हैं। दरअसल लोग यह समझने की कोशिश ही नहीं करते हैं कि, वास्तव मे "मन की शांति" कुछ और नहीं बल्कि तनावों की उपस्थिति के बीच प्रयत्नपूर्वक तैयार की जाने वाली एक तरह से मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक शांतिपूर्ण अवस्था है। यह एक त्वरित परिवर्तन का समय होता है। ऐसे समय मे सदैव अपने दिमाग का अनुकूलन करना होता है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का पुनर्स्थापन हो सके। और इसके प्रचुरता का एहसास होने तक प्रयास करते रहना भी जरूरी होता है। अपने चारों ओर से सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को संरेखित करने के लिए ध्यान के रहस्यों को सीखने की भी जरूरत होती है। विशिष्ट उत्पादकता, विशेष प्रदर्शन और अन्य विशेष प्रगति आदि तो इसके उप-उत्पाद रूप होते ही हैं। जैसा कि आप कला और विज्ञान आदि के अभ्यास से भी प्राप्त कर...

सच्ची आस्था

एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठा था लेकिन पुत्र नहीं हुआ, उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग लेने को कहा। सुझाव मिला कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाए तो पुत्र प्राप्ति हो जायेगी। राजा ने राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि जो अपना बच्चा देगा,उसे बहुत सारा धन दिया जाएगा। एक परिवार में कई बच्चें थे,गरीबी भी थी।एक ऐसा बच्चा भी था, जो ईश्वर पर आस्था रखता था तथा सन्तों के सत्संग में अधिक समय देता था। परिवार को लगा कि इसे राजा को दे दिया जाए क्योंकि ये कुछ काम भी नहीं करता है,हमारे किसी काम का भी नहीं है। इसे देने पर राजा प्रसन्न होकर बहुत सारा धन देगा। ऐसा ही किया गया, बच्चा राजा को दे दिया गया। राजा के तांत्रिकों द्वारा बच्चे की बलि की तैयारी हो गई। राजा को भी बुलाया गया, बच्चे से पूछा गया कि तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है ? बच्चे ने कहा कि मेरे लिए रेत मँगा दिया जाए, रेत आ गया। बच्चे ने रेत से चार ढेर बनाए, एक-एक करके तीन रेत के ढेरों को तोड़ दिया और चौथे के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया,उसने कहा कि अब जो करना है करें। यह सब देखकर तांत्रिक डर गए उन्होंने पूछा कि ये तुमने क्...