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प्रार्थना-ध्यान

प्रार्थना भी ध्यान का ही माध्यम है। आज का समय पहले से बहुत अलग है। कई साल पहले, बहुत सारे लोग काफी धार्मिक हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या बहुत कम होती जा रही है। और अब प्रार्थना का रूप भी बदलता जा रहा है। अब यह शिर्फ़ कुछ खास दिनों, बैयक्तिक-त्योहारों या मात्र नवरात्रों में ही अलग-अलग ढंग से अलग-अलग रूपों में किया जाता है। जबकि यह हमारे परम्परा का, हमारे दैनिक जीवन का कार्य हुआ करता था। अब अक्सर लोग ब्यक्तिगत पारिवारिक कार्यक्रमों, बैठकों, वार्षिक त्योहारों मात्र मेंं ही प्रार्थना करते हैं।  पारिवारिक संबंधों को मजबूती देने के लिए साथ में बैठकर प्रार्थना-ध्यान करना सबसे अच्छा तरीका है ताकि आपसी बंधन मजबूत बना रहे। लेकिन यह प्रतिदिन होना चाहिए। यह निश्चित रूप से एक दूसरे के करीब होने का समय है, खासकर एक परिवार के रूप में। सबसे बढ़कर, प्रत्येक व्यक्ति के पास ईश्वर के लिए समय होना चाहिए। लोग समूह में भी ईश्वर की उपस्थिति और वास्तविक शांति का लाभ अवश्य प्राप्त कर सकते हैं, यदि वे सभी एक साथ शान्ति के विचार सोचते हों, चिंतन और मनन करते हों।  पांच से दस मिनट तक जब आपका परिवार...

सचेतन ध्यान

आमतौर पर तनावपूर्ण स्थितियों को संभालना थोड़ा कठिन होता है। लेकिन हममे से  प्रत्येक व्यक्ति को इसके बारे में जागरूक होना, ऐसी स्थितियों को सहजत: स्वीकारना और उनका समाधान पाना जरूर आना चाहिए। ध्यान का एक रूप जो जीवन की समस्याओं और कठिन परिस्थितियों से निपटने में बहुत प्रभावी है, जिसे सचेतन (माइंडफुलनेस) ध्यान या अंतर्दृष्टि ध्यान के रूप में जाना जाता है। यह लोगों द्वारा एक चमत्कारी तकनीक के रूप में माना जाता है। यह एक तथ्य है कि निराशा, तनाव, क्रोध और अन्य ऐसी ही नकारात्मक भावनाएं मन और शरीर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं। इस तरह के नकारात्मक कार्यों, बिचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने आना चाहिए। इसी तरह, स्वास्थ्य समस्याओं को भी सही मायने में स्वीकार करना और उनका जागरूकता पूर्वक स्वंय-निदान करना आना चाहिए। सचेतन ध्यान एक दवा की तरह है, जो लोगों को नकारात्मक स्थितियों और नकारात्मक भावनाओं से बहुत ही प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करता है। सचेतन ध्यान आपको अपने पर्यावरण के बारे में जागरूक होने की योग्यता प्रदान करता है। इस ध्यान विधि को अपनाकर लोग, अपने जीवन के प...

ध्यान दर्शन और ध्यानाभ्यास के लाभ

ध्यान के महत्व और लाभों के कारण ध्यान करने की अनेकानेक प्रथाएं तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। अधिकांश लोग आध्यात्मिक विकाश के लिए अपने जीवन में ध्यान को शामिल करते हैं। उनके लिये ध्यान जीवन के अनुभवों के बारे में उनकी जागरूकता और धारणा का विस्तार करता है। कुछ लोग रोज के भागमभाग से थककर बस आराम पाने के लिये ध्यान करना चाहते हैं। अन्य लोग विशेष रूप से स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लाभों को देखते हुए ध्यान में रुचि रखते हैं। हालांकि, गहन ध्यान अभ्यास के माध्यम से ध्यान की सर्वोच्च "समाधिअवस्था" तक को भी प्राप्त किया जाता है, जिससे मन और शरीर पुनर्जीवित एवम् ताज़ा हो जाता है। ध्यान हर किसी के अपने अंतर्निहित सिद्धांत से उत्पन्न होता है। और फिर निरंतर अभ्यास के द्वारा वहीं सिद्धांत और अधिक दृढ़ होते जाते हैं | लोग अभ्यास करते जाते हैं, सीखते जाते हैं, नये-नये सिद्धांत स्थापित करते जाते हैं और खुद के साथ-साथ अपने परिवार व समाज के निर्माण में सहयोग भी करते हैं | मूल रूप से, ध्यानाभ्यास: शरीर, मन और प्रकृति की स्थिति पर केंद्रित है। ध्यान का अनुभव, आपके कारण और ध्यान के बारे में समझ पर नि...

योग

योग का तात्पर्य हैः शरीर और मन की एकता और फिर मन और आत्मा की एकता। आधुनिक युग में तमाम तरह की शारीरक और मानसिक बीमारियों की भरमार है। जिसके दो प्रमुख कारण हैं: व्यायाम की कमी और अस्वास्थ्यकर आहार जो मधुमेह और मोटापे की ओर ले जाते हैं। प्राणायाम के माध्यम से और योगासनों के अभ्यास से शरीर में लचीलापन, दिमाग में शांति और संतुलन लाया जा सकता है। कुछ सरल आसनों और कुछ प्राणायाम विधियों को अपनाने के लिए बुनियादी प्रशिक्षण यह है कि, पांच सरल बिंदुओं का पालन करने की आवश्यकता होती है: उचित श्वास; उचित व्यायाम; सही भोजन; सकारात्मक सोच और ध्यान व यथोचित विश्राम। योग-ध्यान लोगों को कुछ ऐसा दे सकता है जो उन्हें किसी और माध्यम से नहीं मिल सकता। व्यक्तियों को स्वयं के विभिन्न स्तरों का परिचय इसी माध्यम से मिलता है। योग-ध्यान से विश्रांति, मन की शांति, बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर जीवन, बेहतर रिश्ते, व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि, दार्शनिक अंतर्दृष्टि और कल्याण की सच्ची भावना इत्यादि की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि योग-ध्यान मस्कुलोस्केलेटल, तंत्रिकातन्त्र, अंतःस्रावी...